हमारे शरीर में कितनी ज्ञानेंद्रियां होती है ?,इनके कार्यों का उल्लेख, How many sense organs are there in our body?, mention of their work.

Rakesh Chauhan
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हमारा शरीर एक मशीन की तरह है जो बहुत से कार्य कर सकता है यह अनेक भागों से मिलकर बना है, प्रत्येक भाग को एक विशेष प्रकार का कार्य करना पड़ता है और सभी भाग मिलकर कार्य करते हैं, तभी हम जीवित और स्वस्थ बने रह सकते हैं प्रत्येक भाग को एक अंग कहा जाता है ज्ञानेंद्रियां भी उन अंगों में शामिल है ज्ञानेंद्रियां हमारे आसपास घटित होने वाली घटनाओं को जानने में हमारी सहायता करती है, हमारे शरीर में पांच ज्ञानेंद्रियां होती हैं 
  • आंख, 
  • नाक, 
  • कान, 
  • जीव और 
  • त्वचा 


आंख:- हम अपनी आंखों के द्वारा वस्तुओं को देखते हैं किसी वस्तु से प्रतिबिंबित प्रकाश हमारी आंखों में पड़ता है यह मस्तिष्क तक संदेश पहुंचाता है कि हम क्या देख रहे हैं, पलकें हमारी आंखों की रक्षा करती है और आंसू हमारी आंखों को साफ करते हैं


नाक:- हमें नाक से सांस लेना चाहिए क्योंकि नाक भाइयों में उपस्थित रोगाणुओं को हमारे शरीर के अंदर जाने से रोकता है नाक में केवल सांस लेने के लिए बल्कि किसी वस्तु को सुनने के लिए उपयोग में आती है हमारी नाक में जब वायु जाती है तो नाक की बिक्री त्वचा के नीचे उपस्थित तंत्रिका तनु को वायु में पहुंची प्रेरणा उत्तेजित करते हैं वहां से प्रेरणा मस्जिद वह बताती हैं कि है गंद कैसी है और हमें गंध महसूस होने लगती


कान:- हमारे कान के 2 भाग होते हैं -
  1. बाहरी भाग 
  2. आंतरिक भाग

हम केवल कान का बाहरी भाग ही देख सकते हैं इसका आंतरिक भाग सिर के अंदर होता है जब ध्वनि तरंगे वायु में कंपन पैदा करती हैं तो वायु से यह तरंगे बाहरी कान से करण नलिका से गुजरकर कान के परदे में जा टकराती हैं इसके कारण कान का पर्दा उत्तेजित होकर कंपन करना शुरू कर देता है फ्री है कंपन कान की हड्डियों से आंतरिक कान के द्रव्य में भी कंपन पैदा कर देता है इस कंपन से पैदा हुई आवाज को हम ध्वनि के रूप में सुनते हैं इस प्रकार सुनने की प्रक्रिया पूरी होती है हम अपने कान के माध्यम से दूसरों की बातें सुन पाते हैं हमारे कान के अंदर मौजूद द्रव्य के चारों तरफ छोटे-छोटे बाल होते हैं जब द्रव्य में कंपन होती है तो यह बाल में होने वाली कंपन हमें अलग-अलग ध्वनि सुनने में मदद करती है


जीभ:-  हम अपनी जीभ के द्वारा वस्तुओं का अलग अलग स्वाद ले पाते हैं संपूर्ण जीभ पर स्वाद कोपले होती हैं उनके अंदर नाडिया हैं जो मस्तिष्क को यह संदेश हो जाती है कि हम क्या खा रहे हैं और इसका स्वाद कैसा है जैसे मीठा, नमकीन, कड़वाया, खट्टा जीभ में विभिन्न भाग विभिन्न स्वाद बताते हैं

त्वचा :- त्वचा सतह क्षेत्र और वजन में शरीर के सबसे बड़े अंगों में से एक है। त्वचा में दो परतें होती हैं: एपिडर्मिस और डर्मिस। डर्मिस के नीचे हाइपोडर्मिस या चमड़े के नीचे का वसायुक्त ऊतक होता है। त्वचा के तीन मुख्य कार्य हैं: सुरक्षा, विनियमन और संवेदना। घाव त्वचा के सभी कार्यों को प्रभावित करता है।
त्वचा शरीर क्रिया विज्ञान के कई पहलुओं को नियंत्रित करती है, जिनमें शामिल हैं: पसीने और बालों के माध्यम से शरीर का तापमान, और परिधीय परिसंचरण में परिवर्तन और पसीने के माध्यम से द्रव संतुलन। यह विटामिन डी के संश्लेषण के लिए एक जलाशय के रूप में भी कार्य करता है।

त्वचा में तंत्रिका कोशिकाओं का एक व्यापक नेटवर्क होता है जो पर्यावरण में परिवर्तन का पता लगाता है और प्रसारित करता है। गर्मी, सर्दी, स्पर्श और दर्द के लिए अलग-अलग रिसेप्टर्स हैं। इन तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान न्यूरोपैथी के रूप में जाना जाता है, जिसके परिणामस्वरूप प्रभावित क्षेत्रों में सनसनी का नुकसान होता है। चोट लगने पर न्यूरोपैथी वाले मरीजों को दर्द महसूस नहीं हो सकता है, जिससे गंभीर चोट या मौजूदा घाव के बिगड़ने का खतरा बढ़ जाता है।


हमारे शरीर में का उल्लेख, How many sense organs are there in our body?, mention of their work. कितनी ज्ञानेंद्रियां होती है ?,इनके कार्यों



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